457 आईपीसी एक गंभीर अपराध है जो भारतीय दंड संहिता की धारा 457 के तहत परिभाषित है। यह धारा उन अपराधों से संबंधित है जहां किसी व्यक्ति के घर, दुकान या अन्य संपत्ति में बिना उनकी अनुमति के प्रवेश किया जाता है।
457 आईपीसी के तहत अपराध को साबित करने के लिए निम्नलिखित तत्वों को साबित करना आवश्यक है:
विशेषता | वर्णन |
---|---|
सजा | दो साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों |
जमानत | जमानती अपराध |
एफआईआर | अपराध की सूचना पुलिस को दी जा सकती है |
सबूत | अपराधी के इरादे, प्रवेश के समय और मालिक की अनुमति की कमी साबित करना आवश्यक है |
मामला 1:
* तथ्य: अभियुक्त बिना अनुमति के रात में एक घर में घुस गया और चोरी की।
* परिणाम: अदालत ने अभियुक्त को दो साल की कैद और जुर्माना लगाया।
मामला 2:
* तथ्य: अभियुक्त बिना अनुमति के एक दुकान में घुस गया, लेकिन कुछ भी नहीं चुराया।
* परिणाम: अदालत ने अभियुक्त को एक साल की कैद की सजा सुनाई।
मामला 3:
* तथ्य: अभियुक्त बिना अनुमति के रात में एक वाहन में घुसा और उसमें सो गया।
* परिणाम: अदालत ने अभियुक्त को छह महीने की कैद की सजा सुनाई।
1. क्या 457 आईपीसी एक जमानती अपराध है?
हां, 457 आईपीसी एक जमानती अपराध है।
2. 457 आईपीसी में अधिकतम सजा क्या है?
दो साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों।
3. 457 आईपीसी के तहत सबूत कैसे जुटाए जाते हैं?
अभियुक्त के इरादे, प्रवेश के समय और मालिक की अनुमति की कमी को साबित करने के लिए परिस्थितिजन्य साक्ष्य जुटाए जाते हैं।
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